क्या कलयुग में भगवान से ज्यादा शक्तिशाली हो गए हैं राक्षस? Have demons become more powerful than God in Kalyug?
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भगवान् एक अनुभूति है जिसे देखा और सुना नहीं जा सकता उन्हें सिर्फ महसूस किया जा सकता है, हर कोई व्यक्ति किसी न किसी को पूजता या किसी चीज़ पर विश्वास करता है वो ही उसके लिए मार्गदर्शक होता है और वो ही उसके लिए भगवान् होता है वैसे दो शक्तियां है इस ब्रह्माण्ड में, सकारात्मक और नकारात्मक पुण्य और पाप सुख और दुःख अच्छा या बुरा ऐसे ही देवता और राक्षस देवता जो हमेशा हमारी भलाई और हमे सुख समृद्धि देने के लिए काम करते हैं दूसरा राक्षस जो हमे कष्ट और दुःख देने के लिए होते हैं भगवान और राक्षस दोनों इस ब्रह्माण्ड में मौजूद है इसमें कोई संदेह नहीं लेकिन सवाल उठता है ताकत और शक्तियों का ब्रह्माण्ड में जितने भी लोग हैं वो ज्यादातर दुखी और कष्ट में हैं जिससे झूठ और पाप क्या बोलबाला लगता है ? लेकिन ऐसा क्यों क्या इस कलयुग में आसुरी शक्तियों का बोलबाला हो गया है ? क्या देवलोक का साम्राज्य कलयुग में आसुरी शक्तियों के हाथ में हैं ? क्युकी भगवान् हमेशा से दयालु और सब पर अपनी कृपा बरसाने वाले रहे हैं ऐसा माना जाता है कि जब-जब इस धरती पर पाप और दुःख(आसुरी शक्तियों का प...