मेरा इस ब्लॉग पर लिखने का मकसद भगवान् की आलोचना करना या उसकी महानता को कम करने का नही है लेकिन क्या भगवान सर्वव्यापी,सक्षम,सर्वश्रेष्ट और निस्वर होने के बावजूद इस धरती के सभी प्राणियों को असहनीय दुःख और दर्द से मुक्ति नही दिला सकता ।
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जो भगवान् एक रावण को मारने के लिए जन्म ले सकते है तो क्या आज समाज में मौजूद लाखों रावणो को मारने और सभी प्राणियों को इस दुःख दर्द से मुक्ति दिलाने के लिए जन्म नही ले सकते।
जो एक कुनबे(पांडवों) के कुछ लोगो को न्याय दिलाने के लिए
कैसे भगवान् तड़पते और बिलखते करोड़ो लोगो के दुःख दर्द को सहन कर पाता है वो कैसे सुख चैन से रह सकता है जब उसकी दुनिया में ज्यादातर लोग किसी न किसी दुःख से परेशान हैं।
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