श्रीकृष्ण की लीलाओं और महाभारत को लेकर के कई सीरियल बन चुके है जिनमे श्रीकृष्ण का किरदार ही हमेशा से लोकप्रिय होता रहा है लेकिन आपने देखा तो होगा ही कि पिछली सदी के एक्टर्स का आज की इस मॉडर्न इंडस्ट्री में उतना रूतबा नही रह गया है और उन्होंने अपनी जिन्दगी का रूख किसी और मोड़ लिया उन्ही में से एक बहुत ही मंजे हुए पुराने कलाकार हुआ करते थे सर्वदमन बनर्जी, जिन्होंने महाभारत में श्री कृष्ण का रोल बहुत ही ख़ूबसूरती के साथ निभाया था। उनके उस रोल की खूब तारीफ़ की जाती है वो इसमें बड़े ही गोरे से बड़े ही शांत लहजे में बोलकर खुद श्रीकृष्ण के होने की अनुभूति करवा देते है लेकिन आपने कभी सोचा है कि आज की तारीख में बनर्जी जी कहाँ है? वो महान कलाकार आखिर इस इंडस्ट्री से कहाँ गुम हो गया जिसे कृष्ण समझकर लोग उसके पाँव पकड़ लेते थे। उनके उस रोल की खूब तारीफ़ की जाती है वो इसमें बड़े ही गोरे से ब...
भगवान् कौन है, कँहा रहता है, वो कैसे इस दुनिया को चलाता है ऐसे बहुत से सवाल हमारे और आपके दिमाग में चलते रहते है भगवान् जिसे हर कोई जानता तो है लेकिन उसे कभी देखा नहीं, इसलिए भगवान् को खोजने की हमारी ललक और बढ़ जाती है, भगवान् हमारी जिज्ञासा हैं, हम सभी अपने बचपन से ही भगवान और उनसे जुडी कथाओं के बारे में सुनते आ रहे है, उनकी महानता और शक्तियों के बारे में सुनते आ रहे है और उनकी प्रार्थना और भक्ति करते आ रहे हैं, इस संसार में सभी धर्मों के लोग अलग-अलग तरीके से अपने धर्म के अनुसार भगवान से जुड़े हुए हैं और सभी धर्मों के लोग अपने-अपने धर्म के अनुसार भगवान् में श्रद्धा और विश्वास रखते है और उनकी पूजा करते है. भगवान् एक ऐसी शक्ति है जो हमेशा अपने होने का अहसास कराती रहती है उन्होंने इस दुनिया की रचना की है वो सर्वशक्तिशाली, सर्वज्ञानी और महान है वो कभी न मिटने वाला सत्य है। एक बात मैं आपको बता दूँ कि जब आप अत्यधिक परेशानी या तनाव से गुजर रहे होते है तो ऐसी स्थिति में भगवान् को ढूंढने की आपकी सनक और भी बढ़ जाती है और आप भगवान् के रहस्य को जानना चाहते है कि भगवान् कौन है और ...
न्याय वो परिक्रिया है जिससे किसी के अच्छे या बुरे कर्मो का अवलोकन करके उसे सुख(आनंद) या दुःख (दण्ड ) दिया जाये जो लोग बुरे कर्म करते है वो दंड के हकदार होते हैं और जो लोग अच्छे कर्म करते है वो लोग सुख के हकदार होते हैं सामाजिक न्याय भी इसी सिद्धान्त पर काम करता है जो लोग बुरे काम जैसे चोरी ,डैकती, हत्या या बलात्कार आदि अपराध करते है उन्हें न्यायिक अदालत द्वारा दंड दिया जाता है और जो लोग अच्छे काम जैसे समाज सेवा ,गरीबों की सेवा या जन कल्याणकारी काम करते हैं उन्हें समाज से प्रतिष्ठा और सम्मान मिलता है लेकिन एक सवाल दिल में आता है कि भगवान् का न्याय क्या है ? क्या वो सभी को उचित न्याय देता है? क्या जो सुख-दुःख हम अपने जीवनकाल में भोगते हैं वो सही है? क्या हमे सुख और दुःख अपने अच्छे या बुरे कर्मो के फल के कारण मिलता है ? कुछ ऐसे सवाल है जो ये दर्शाता है कि भगवान् हमारे साथ न्याय नही करता क्योकि न्याय वो होता है जिसमे अपराधी को पता हो कि उसने क्या अपराध किया है। अगर किसी को ये नही पता कि उसे उसके किस अपराध की सज़ा उसे मिल रही है और उस सज़ा की अवधी कितनी है तो वो न्यायसंगत ...
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