भगवान् कौन है? Who is God?


भगवान् कौन है, कँहा रहता है, वो कैसे इस दुनिया को चलाता है ऐसे बहुत से सवाल हमारे और आपके दिमाग में चलते रहते है भगवान् जिसे हर कोई जानता तो है लेकिन उसे कभी देखा नहीं, इसलिए भगवान् को खोजने की हमारी ललक और बढ़ जाती है, भगवान् हमारी जिज्ञासा हैं, हम सभी अपने बचपन से ही भगवान और उनसे जुडी कथाओं के बारे में सुनते आ रहे है, उनकी महानता और शक्तियों के बारे में सुनते आ रहे है और उनकी प्रार्थना और भक्ति करते आ रहे हैं, 

इस संसार में सभी धर्मों के लोग अलग-अलग तरीके से अपने धर्म के अनुसार भगवान से जुड़े हुए हैं और सभी धर्मों के लोग अपने-अपने धर्म के अनुसार भगवान् में श्रद्धा और विश्वास रखते है और उनकी पूजा करते है. भगवान् एक ऐसी शक्ति है जो हमेशा अपने होने का अहसास कराती रहती है उन्होंने इस दुनिया की रचना की है वो सर्वशक्तिशाली, सर्वज्ञानी और महान है वो कभी न मिटने वाला सत्य है।

एक बात मैं आपको बता दूँ कि जब आप अत्यधिक परेशानी या तनाव से गुजर रहे होते है तो ऐसी स्थिति में भगवान् को ढूंढने की आपकी सनक और भी बढ़ जाती है और आप भगवान् के रहस्य को जानना चाहते है कि भगवान् कौन है और वो किस तरह हमारे कर्मों का फल हमें देते है क्यों हमे इतने दुःख सहने पड़ते है कैसे भगवान् हमारी जिंदगी को प्रभावित करते है ऐसे ही कुछ सवाल आपको भगवान् और उसकी बनाई दुनिया के बारे में जानने के लिए ज्यादा प्रेरित करते है

ऐसे ही कई और सवाल हमारे दिल में आते है जैसे कि
1. भगवान कौन हैं?
2. क्या भगवान का सच में कोई अस्तित्व हैं?
3. वो रहता कँहा है?
4. वो कैसे हमारा भला करता है या वो किस तरह हमे दण्डित करता है?
5. क्या किसी ने भगवान को देखा या उसे महसूस किया हैं? 
6. यह ब्रह्मांड किसने बनाया? और कौन इस ब्रह्मांड को चलाता है?
7. भगवान इस दुनिया को कैसे चलाते हैं?
8. भगवान का न्याय क्या है?
9. क्या भगवान हमारी पूजा और प्रार्थना सुनते हैं?
10. क्या सही में भगवान हमेशा सच के साथ होते हैं? 
11. क्या भगवान दयालु हैं? जो कभी किसी पर अन्याय नही होने देते?
12. क्या भगवान् एक ही है? 
ऐसे प्रश्न हमेशा मेरे दिमाग में रहते हैं 

जब भी हम इस विशाल ब्रह्मांड को देखते हैं तो सोचते है कि कोई तो है जो इस विशाल ब्रह्मांड का संचालन कर रहा है क्युकि कोई भी सिस्टम या तंत्र बिना किसी के संचालन के नहीं चल सकता, हर किसी सिस्टम या तंत्र को संचालित करने के पीछे कोई न कोई तो होता ही है और इतने विशाल ब्रह्मांड को बिना किसी शक्ति के संचालन करना असंभव है कोई तो ऐसी शक्ति है जिसने इस ब्रह्मांड का निर्माण ही नहीं किया अपितु उसे सुव्यवस्थित रूप से चला भी रहे है ,कोई तो ऐसी शक्ति है जो पुरे ब्रह्मांड का संचालन किसी मालिक या माँ बाप की तरह कर रही है और दुनिया की सभी चीज़ों का ख्याल रखती है और उन्हें पाल-पोस रही है।

मनुष्य से लेकर सभी जीव-जंतु तथा इस ब्रह्मांड की हर एक चीज़ का संचालन कोई तो कर ही रहा है इसमें प्रकति की भी एक बहुत बड़ी भूमिका है लेकिन उस प्रकति को भी तो किसी ने बनाया है उस प्रकति को उसने इस ढंग से बनाया है जंहा जीवन जीने या इस दुनिया को चलाने के लिए वो हर जरूरी चीज़ मौजूद है जो होनी चाहिए बस उसे ढूँढने और खोजने की जरूरत है हालाँकि बहुत से पहलुओं पर विश्व के वैज्ञानिकों ने बड़ी सफलता भी पाई है और हमने इस प्रकति से बहुत कुछ लिया है विकास और खोज के नए आयामों को छुआ है जिसने लोगों के जीवन को बेहद ही सरल और सूंदर बनाया है। 

इस संसार में कोई तो ऐसी शक्ति है जो हमारे कर्मों का लेखा-जोखा करती है जिसके कारण हम सुःख या दुःख भोगते है कुछ लोग भगवान् को नहीं मानते लेकिन हमे यह मानना पड़ेगा कि हमारी जिंदगी पूरी तरह हमारे नियंत्रण में नहीं है कोई तो ऐसी शक्ति है जो जीवन भर हमारी जिंदगी पर नियंतत्रण रखती है क्युकी अगर ऐसा न होता तो हम जितना चाहते उतने साल जीते, स्वस्थ आदमी तो कभी मरता ही नहीं, हम जैसा जीना चाहते वैसे जीते, अगर हमारी जिंदगी का नियंत्रण हमारे पास होता तो हमे दुःख क्यों झेलना पड़ता किसी को दुःख झेलना पसंद है क्या ,तो इसलिए कोई तो है जो हमे सुख और दुःख देता है ,हमारी जिंदगी की बहुत सी घटनाये पूर्व निर्धारित होती है जिसे कोई तो निर्धारित करता ही है

कुछ चीज़ें हमे संयोग से मिलती है जबकि कुछ हमारे लाख प्रयत्न करने पर भी नहीं मिल पाती क्युकी हमारा नियंत्रण एक ऐसी शक्ति के पास है जो इस जगत का संचालन करता है 
लेकिन दूसरी तरफ जब हम देखते हैं कि किस तरह से इस दुनिया के ज़्यादतर लोग कुदरती आपदा, बीमारी, गरीबी, अत्यन्त दुःख, अन्याय, हिंसा, मानसिक तनाव, घरेलू झगड़ों ,डिप्रेसन और चिंता से जूझ रहे हैं तो लगता है भगवान् नहीं है क्युकी भगवान तो दयालु और कृपा करने वाले होते है। 

संसार में सभी प्राणी किसी न किसी दुःख से पीड़ित नज़र आते है दुनिया की 90% से ज्यादा आबादी दुःख में अपना जीवन व्यतीत करने पर मजबूर है, पूरी दुनिया दुखों से भरी पड़ी है आप कंही भी चले जाओ आपको रोते बिलखते हुए लोग मिल जायेंगे, ज्यादातर सभी लोगों की आँखों में दुखों के आंसू नज़र आएंगे ,कोई अत्यंत गरीबी से परेशान है तो कोई अन्याय से, कोई निःसंतान होने को लेकर परेशान है तो कोई कुसंतान से , कोई पैसों के लिए परेशान है तो कोई रिश्तों के लिए, कोई सामाजिक कुरूतियों से परेशान है तो कोई हिंसक और दमनकारी सरकारों से ,कोई रोजगार को लेकर परेशान है तो कोई घरेलु झगड़ों से और लाइलाज बीमारियों से तो संसार के ज्यातर लोग परेशान है ही।

हर मनुष्य यँहा तक की जीव-जंतु भी किसी न किसी वजह से दुखी है. आज आदमी, आदमी के खून तक का प्यासा हो गया है दया-धर्म की बातें सिर्फ किताबों तक सीमित रह गयी है ,हर तरफ चीख-पुकार,धोखा ,पाप  और अत्याचार बढ़ने लगा है। इतने सारे दुखों को देखकर लगता कि संसार में कोई भगवान नहीं है
क्युकी भगवान होते तो ऐसा अन्याय कभी नहीं होता , कोई भी माँ-बाप या पालने वाला अपनी संतानों को इतना दुखी नहीं देख सकता! क्युकी भगवान् सामर्थवान होते है जो इस धरती पर बढ़ते पाप और दुःख को कम करने का कोई न कोई उपाय जरूर करते।

ये सारी बातें कई सारे प्रश्न खड़े करती है जैसे कि - भगवान है भी या नहीं, भगवान कहाँ हैं?, क्या प्रार्थना में शक्ति होती है?, क्या भगवान हमारी प्रार्थना स्वीकार करते है, क्या भगवान को हमारे दुख और सुख से सरोकार है ,भगवान होने के बावजूद इस दुनिया में इतना अन्याय क्यों है?, क्यों अच्छे कर्म करने वाले लोगों को दुःख सहन करना पड़ता हैं, जबकि ज्यादातर बुरे कर्म करने वाले लोग आज चैन की जिंदगी जी रहे है?, क्या भगवान इतना निर्दयी हो सकता है?

भगवान की इतनी सूंदर रचना माने जाने वाली इस धरती पर इतना दुःख क्यों है?, क्यों इस धरती पर कोई भी प्राणी सुखी नही है? क्यों लोग गरीबी भुखमरी,रोगों एवं बीमारियों ,प्राकृतिक आपदाओ ,दुर्घटनाओ और चिंताओं से परेशान हैं। 
लेकिन हमारा प्रश्न अभी भी ज्यों का त्यों है कि "क्या भगवान हैं?" और है तो वो कौन है और कँहा रहता है। 

हाँ, वास्तव में भगवान हैं! क्योकि कोई तो शक्ति है जिसने इस ब्रह्मांड की रचना की है और जो इस ब्रह्मांड और इस प्रकति को व्यवस्थित तरीके से चला रहा है सूर्य ,चंद्रमा ,पृथ्वी और ग्रह सभी अपना अपना काम समय अनुसार करते है , कोई तो है जिसने हमे और बाकि सभी प्राणियों को जिंदा रहने लिए इस प्रकृति में सभी जरूरी चींज़े उपलप्ध कराई है ,

कोई तो है जिसने हमारे शरीर की सँरचना इस तरह की है जिसमे सभी अंगों का अपना अपना दायित्व है और वो सभी अंग अपना काम बखूबी करते है और हमे जीने में मदद करते है , किस तरह माँ के पेट में बच्चे के अंगों का विकास होता है एक नई जिंदगी का जन्म होता है , आज भी जब हम विज्ञान के क्षेत्र में विकसित हो गए हो लेकिन फिर भी हम कृतिम जिंदगी या जीवन के बारें में सोच भी नहीं सकते, हम कोई जीवित प्राणी का निर्माण नहीं कर सकते , सबसे बड़ी बात कोई तो है जो हमारी जिंदगी और मौत तय करता है ,सच में वो ही भगवान् है जिसने हमे और इस प्रकति को बनाया है।

कुछ ऐसी चींजें है जो हमारे वश में नही हैं जिसे कोई तो निर्धारित करता है और वो ही भगवान् है ,इन सब से स्पष्ट होता है कि भगवान है और भी बहुत सी ऐसी बाते है जो कभी भी मनुष्य के नियंत्रण में नहीं है जिन्हे भगवान खुद से नियंत्रित करते है। जो भगवान ना होने का दावा करते है उनके लिए चुनौती है कि किसी भी प्राणी में जीवन का संचय करके दिखा दे या कोई कृतिम नई जिंदगी बना दे!

अब प्रश्न उठता है भगवान कौन है और कहा है :- भगवान् वो है जिसमे हम आस्था और विश्वास रखते हैं और जिसे हम अपने अंदर भी महसूस करते है जो  हमारे दिल में है, भगवान् एक आवाज है ,भगवान् एक शक्ति है वो किसी भी स्वरुप में हो सकती है कोई भी व्यक्ति और प्राणी इस धरती पर बिना विश्वास और आस्था के नही रह सकता और वो विश्वास और आस्था ही भगवान् है वह कोई भी संजीव या निर्जीव,वस्तु या प्राणी हो सकता है हम एक पत्थर को भी पूजते है तो उसमे भी उसी शक्ति का निवास होता है भगवान् एक ऐसी शक्ति है जो हमेशा अपने होने का आभास कराती रहती है।

जब भी हम कुछ बुरा या पाप करते है तो दिल से एक आवाज आती है कि ये गलत है वो एक चेतावनी होती है जो भगवान हमे गलत काम करने से पहले देते है और जब भी हम कोई अच्छा काम या किसी की मदद करते है तो हमारे दिल को शांति मिलती है और ऐसा महसूस होता है जैसे किसी ने आशीर्वाद दिया हो।
हमारे दिल में एक सच छुपा हुआ है जब भी हम कुछ बुरा या अच्छा करतें है तो अंदर से एक आवाज़ आती है जो भगवान् होने की मौजूदगी को दर्शाता है आपको बता दे कि भगवान पुरे ब्रह्मांड में व्याप्त है वो संसार की हर संजीव -निर्जीव वस्तु में मौजूद है
 
इस बह्रामंड में इतने प्राणी -जीव -जंतु और उनकी प्रजातियां ,पेड़-पौधे और उनकी प्रजातियां, नदियां-सागर ,पहाड़-पर्वत ,ग्रह -तारे और आकाश -पाताल, जीवन - मृत्यु, ब्रह्मांड -आकाश गंगा जिनपर हमारा कोई नियंत्रण नही है और न ही हम कभी इन सभी चीज़ों पर अपना नियंत्रण कर पाएंगे, तो कोई तो ऐसी शक्ति है जो इन सबको सुचारू रूप से चला रही है और वो ही भगवान् है। हम सब भगवान् को पा सकते है लेकिन उसके लिए हमारा अपने ऊपर खुद का पूरा नियंत्रण होना चाहिए।

Comments

Popular posts from this blog

पाप और पुण्य क्या है

अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है?जीवन में दुख-ही-दुख क्यों हैं? परमात्मा ने यह कैसा जीवन रचा है?

ईश्वर ने हमें और इस ब्रह्माण्ड को क्यों बनाया ?